पारिजात के फूल का उपयोग पूजा व स्वास्थ्य के लाभ केलिए किया जाता है। पारिजात के फूल आयुर्वेदिक। दवाऐ बनिने के काम मे भी आते हैं
पारिजात के पेड़ को हरसिंगार का पेड़ भी कहा जाता है। इसमें बहुत ही सुंदर और सुगंधित फूल उगते हैं। यह सारे भारत में पैदा होता है। इसे संस्कृत में पारिजात, शेफालिका। हिन्दी में हरसिंगार, परजा, पारिजात। मराठी में पारिजातक। गुजराती में हरशणगार। बंगाली में शेफालिका, शिउली। तेलुगू में पारिजातमु, पगडमल्लै। तमिल में पवलमल्लिकै, मज्जपु। मलयालम में पारिजातकोय, पविझमल्लि। कन्नड़ में पारिजात। उर्दू में गुलजाफरी कहते हैं।
पारिजात के फूलों को मुख्यतः। लक्ष्मी पूजन के लए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन केवल उन्हीं फूलों को इस्तेमाल किया जाता है, जो अपने आप पेड़ से टूटकर नीचे गिर जाते हैं। जहां यह वृक्ष होता है वहां पर साक्षात लक्ष्मी का वास होता पारिजात के ये अद्भुत फूल सिर्फ रात में ही खिलते हैं और सुबह होते-होते वे सब मुरझा जाते हैं। यह फूल जिसके भी घर-आंगन में खिलते हैं, वहां हमेशा शांति और समृद्धि का निवास होता है। पारिजात के फूलौ को पेड़ से तोड़ने पर अपशकुन माना जाता है।केवल जमीन पर गिरे हुए पुष्प ही पूजा में प्रयोग में लाये जाते है।
बहुतसे रोगौ में भी इनका प्रयोग किया जाता है जैसे हृदय रोगों के लिए हरसिंगार का प्रयोग बेहद लाभकारी है। इस के 15 से 20 फूलों या इसके रस का सेवन करना हृदय रोग से बचाने का असरकारक उपाय है, लेकिन यह उपाय किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर ही किया जा सकता है। इसके फूल, पत्ते और छाल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है।
पारिजात के ये अद्भुत फूल सिर्फ रात में ही खिलते हैं और सुबह होते-होते वे सब मुरझा जाते हैं। यह फूल जिसके भी घर-आंगन में खिलते हैं, वहां हमेशा शांति और समृद्धि का निवास होता है।
सबसे पहले तो आपको ये बता दें कि पारिजात का पौधा दिखने में बेहद ही खूबसूरत होता है। पारिजात के फूल को भगवान हरि के श्रृंगार और पूजन में प्रयोग किया जाता है,यही कारण है कि इसके फूल को को हरसिंगार के नाम से भी जाना जाता है।हिन्दू धर्म में इस वृक्ष का बहुत महत्व माना जाता है। यही नहीं शास्त्रों में तो पारिजात को कल्पवृक्ष भी कहा गया है। कहा जाता है कि समुन्द्र मन्थन के साथ ही यह कल्प बृक्ष निकला था।
पारिजात के फूलौ से जो लक्ष्मी की पूजा करते है उनसे लक्ष्मी माता अति शीघार प्रसन्न होती है और उसके यहाँ धन बैभव की बरसात होने लगती है।
इसके पुष्पौ को भगवान विष्णु पर भी चढा़या जाता है। पारिजाय के पुष्प रात मे ही खिलत है और खिलतेही नीचे गिरना आरम्भ होजाते है।
Gunjan Kamal
15-Nov-2022 06:24 PM
बहुत ही सुन्दर
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Supriya Pathak
12-Nov-2022 01:03 PM
Bahut khoob 💐
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Punam verma
11-Nov-2022 08:24 AM
Very nice
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